कुछ बातें दिल की ।

क्यूं कहते हो उनसे वह तुम्हारी हों,

क्यूं कहते हो उनसे वह तुम्हारा ख्वाब हों,

क्यूं कहते हो उनसे वह तुम्हारी जिंदगी हों, 

क्यूं कहते हो उनसे वह तुमसे प्यार करें,

क्यूं कहते हो उनसे वह तुमको याद करें,

क्यूं कहते हो उनसे वह तुमको समय दें,

यारों यह सच लगे तो उनसे इज़हार जरूर करना, 

मना कर दें तो उनसे जिद पर न अड़ना,

क्योंकि सौदा तो बाजार में होता है, 

इश्क़ में तो सिर्फ  बेइंतहां इश्क़ होता है यारों ।

                .................. ( शुभम सिंह )

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