दिल के आरमा ।

मौत आयेगी, आयेगी वह कभी एक दिन,

पर तुम न आओगी कभी एक दिन,

तुमसे कितनी अच्छी  है  वह मौत,

बिन बुलाये वह आयेगी  एक दिन ।  


मोहब्बत में हम तरसते हैं तुमसे मिलने को एक दिन, 

पर मौत तरसती है हमसे मिलने को एक दिन। 


तुम आ भी गयी तो छोड़  जाओगी एक दिन, 

पर मौत आ गयी तो  छोड़ेगी नहीं ले जायेगी एक दिन । 


कम्भक्त मौत से ही मोहब्बत कर लेते एक दिन,

वह रुलाती तो नहीं,  आंसुओं में कविता लिखवाती तो नहीं, 

हँस हँस कर आती और हम हँस हँस कर चले जाते एक दिन ।   

                                              ...........( शुभम सिंह )

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